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गुना में कानून का खौफ खत्म? दिनदहाड़े आइसक्रीम विक्रेता पर चाकू से जानलेवा हमला

गुना। शहर की शांत मानी जाने वाली राधा कॉलोनी सोमवार को उस वक्त दहशत में आ गई, जब खुलेआम दिन के उजाले में एक अज्ञात युवक ने आइसक्रीम बेच रहे दुकानदार पर चाकू से जानलेवा हमला कर दिया। इस दुस्साहसी वारदात ने न केवल स्थानीय नागरिकों को स्तब्ध कर दिया, बल्कि गुना शहर की कानून व्यवस्था पर भी गंभीर प्रश्नचिह्न लगा दिया है।

पीड़ित कैलाश कुशवाहा उम्र 50 वर्ष, जो मूलतः बांसखेड़ी का निवासी है, रोज की तरह कॉलोनी में आइसक्रीम का ठेला लगाए हुए था। उसी दौरान एक युवक वहां पहुंचा और गाली-गलौच करते हुए आइसक्रीम की मांग करने लगा। जब कैलाश ने शांति बनाए रखते हुए युवक को समझाने का प्रयास किया, तो मामला अचानक बिगड़ गया।



युवक ने पहले कैलाश पर पेट की ओर चाकू से वार किया, जो चूक गया, लेकिन दूसरा हमला सीधे चेहरे पर दाढ़ी के पास जाकर लगा, जिससे वह बुरी तरह लहूलुहान हो गया। घटना के बाद मौके पर भीड़ जमा हो गई, लेकिन हमलावर वहां से फरार होने में सफल रहा।

गंभीर रूप से घायल कैलाश को पहले एक निजी डॉक्टर के पास ले जाया गया, लेकिन डॉक्टर ने इसे ‘पुलिस केस’ बताकर इलाज करने से साफ इनकार कर दिया। इसके बाद मोहल्ले के लोगों ने मिलकर उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसका इलाज फिलहाल जारी है।

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि घटना की जानकारी देने के बावजूद स्थानीय पुलिस ने तत्काल कोई कार्रवाई नहीं की। न तो घटनास्थल का मुआयना किया गया, न ही हमलावर की तलाश में कोई तत्परता दिखाई गई। पीड़ित परिवार का आरोप है कि पुलिस की बेरुखी ने उनकी पीड़ा को और बढ़ा दिया है।

यह घटना न केवल एक व्यक्ति पर हमला है, बल्कि शहर की सुरक्षा व्यवस्था पर एक करारा तमाचा है। सवाल यह है कि अगर दिनदहाड़े एक मेहनतकश आइसक्रीम विक्रेता पर इस तरह से हमला हो सकता है और आरोपी खुलेआम फरार हो सकता है, तो आम नागरिक खुद को कैसे सुरक्षित महसूस करेगा?

फिलहाल पुलिस आरोपी की तलाश में जुटी है, लेकिन सवाल अब भी कायम है —
क्या गुना की सड़कों पर अपराधियों को रोकने वाला कोई नहीं बचा?

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