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साईं सिटी कॉलोनी में पानी के लिए हाहाकार, रहवासी बोले, ‘हर रोज़ होता है पानी के लिए संघर्ष

गुना शहर की सकतपुर रोड पर स्थित साईं सिटी कॉलोनी इन दिनों भीषण जल संकट से जूझ रही है। कॉलोनी में रहने वाले सैकड़ों परिवार पीने के पानी की समस्या को लेकर बेहद परेशान हैं। गर्मी के इस मौसम में जब तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है, ऐसे में जल संकट लोगों की दिनचर्या को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर रहा है। रहवासियों के अनुसार कॉलोनी में लगे ट्यूबवेल की मोटर बार-बार खराब हो जाती है, जिससे पानी की सप्लाई कई-कई दिनों तक बाधित रहती है।  कॉलोनीवासियों की परेशानी को देखते हुए पार्षद प्रतिनिधि लालाराम लोधा ने त्वरित कार्रवाई की। उन्होंने अधिकारियों से बात कर टैंकरों की व्यवस्था करवाई ताकि लोगों को कम से कम पीने का साफ पानी मिल सके। इसके अलावा उन्होंने मानवीय संवेदना का परिचय देते हुए अपनी ओर से एक निजी टैंकर भी कॉलोनी में पानी सप्लाई के लिए भेजा, जिससे लोगों को कुछ हद तक राहत मिल सकी। रहवासियों ने बताया कि यह समस्या कोई नई नहीं है, बल्कि बीते कई महीनों से कॉलोनी में पानी को लेकर संकट बना हुआ है। कई बार मोटर ठीक कराने के बाद भी वह कुछ दिनों में ही खराब हो जाती है। इससे रोज़मर्रा के कामों जैसे खाना बनाना, कपड़े धोना, बच्चों को स्कूल भेजने की तैयारी आदि प्रभावित हो रही है। कई बार तो लोगों को दूसरे मोहल्लों से पानी लाकर गुज़ारा करना पड़ता है। 



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स्थानीय निवासी  ने बताया, “हर सुबह पानी के लिए घर के लोग बाल्टियाँ लेकर खड़े रहते हैं कि टैंकर आ जाए। ये कोई जीने का तरीका नहीं है। हमें स्थायी समाधान चाहिए।” वहीं, एक ने कहा, “गर्मी में जब शरीर को सबसे ज्यादा पानी की ज़रूरत होती है, उसी समय पानी की इतनी किल्लत हमें बीमार कर रही है।”

पार्षद प्रतिनिधि लालाराम लोधा ने कहा कि वे रहवासियों की समस्या को लेकर लगातार प्रशासन से संपर्क में हैं। “हमने अधिकारियों को अवगत कराया है कि इस कॉलोनी में जल्द से जल्द नई मोटर लगाई जाए या फिर वैकल्पिक जल स्रोत की व्यवस्था की जाए ताकि लोगों को बार-बार इस संकट का सामना न करना पड़े,” उन्होंने बताया।यह मामला गुना शहर के विकास और मूलभूत सुविधाओं के वितरण पर भी सवाल खड़ा करता है। यह ज़रूरी है कि नगर पालिका  इस गंभीर मुद्दे को प्राथमिकता में रखे और स्थायी समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाए।

इस जल संकट ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या हमारे शहरों में पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं को भी अब संकट की दृष्टि से देखना पड़ेगा? अगर समय रहते प्रशासन ने ठोस कदम नहीं उठाए, तो आने वाले दिनों में हालात और भी गंभीर हो सकते हैं

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